आर्मी और पुलिस की वर्दी में आए तीन से चार आतंकी, पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत, जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट
✓आर्मी और पुलिस की वर्दी में आए तीन से चार आतंकी, पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत, जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट
नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर पर्यटकों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है, जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं। सेना और पुलिस की वर्दी में आए आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर पर्यटकों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है, जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं। सेना और पुलिस की वर्दी में आए आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में मशहूर टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में मंगलवार दोपहर को बड़ा टेरर अटैक हो गया। यहां आतंकवादियों ने टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। आतंकवादियों की संख्या तीन से चार बताई जा रही है जो सेना और पुलिस जैसी वर्दी में थे। सभी के पास एके-47 और अन्य हथियार थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से खबर लिखे जाने तक 26 लोगों की मौत हो गई है। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी
अधिकारियों ने बताया कि हमले के तुरंत बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ डीजी, आर्मी के टॉप अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। इस हाई लेवल मीटिंग के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए। उनके अलावा अन्य तमाम सिक्योरिटी फोर्सेज के चीफ और अन्य आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय, आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईबी अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में इस आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है।
पूरे इलाके में 15 मुख्य पाइंट से घेराबंदी की गई है। आतंकवादियों की तलाश में खोजी कुत्ते, ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे इलाके में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आर्मी समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान समर्थिक आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैबा के मुखौटा टेरर ग्रुप ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ की तरफ से इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन जांच की जा रही है कि इसके पीछे टीआरएफ ही है या फिर लश्कर या कोई और। टीआरएफ ने एक पेज के अपने संदेश में यह भी लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है। यहां अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ ऐसे ही हिंसा की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिस जगह यह हमला हुआ। वहां सड़क मार्ग नहीं है। वहां पैदल और खच्चरों से ही आया-जा सकता है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमला साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास उंचाई पर हुआ है।
बैसरन इलाके में हुआ हमला
टूरिस्टों पर यह आतंकी हमला मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले बैसरन इलाके में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हुआ। बताया जा रहा है कि आतंकी बैसरन घाटी के पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी करते टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वह आर्मी की वर्दी में थे। हमले में कुछ स्थानीय लोग और घोड़ों को भी गोली लगी है। सूत्रों का कहना है कि हमले में अपना पति खो चुकी महिला का दावा है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। यह हमला पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने से पहले सोचविचाकर किया गया लगता है। एजेंसियों का मानना है कि हमला करने से पहले इलाके की रेकी की गई। आतंकवादियों ने यह सुनिश्चित किया कि यहां कितनी फोर्स लगी है। फिर मौका देखकर उन्होंने लोगों को टारगेट किया।
साभार NBT