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सिंधु जल संधि निरस्त : पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम

सिंधु जल संधि निरस्त : पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम

नई दिल्ली।पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ढाई घंटे तक चली कैबिनेट बैठक (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए. सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है. पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा भारत में पाकिस्तान उच्च आयोग बंद किया जाएगा. भारत की हवाई और जल सेना हाई एलर्ट पर रहेगी. अटारी चेक पोस्ट को भी बंद करने का फैसला लिया गया.
बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अज‍ित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई. CCS को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. कई अन्य लोग घायल हुए थे.”


भारत ने लिए ये पांच बड़े फैसले
👉1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

👉एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 01 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।

👉पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा।

👉एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

👉नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।

👉पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को भारत वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसे 01 मई 2025 तक और कम किया जाएगा।

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